क्षणभंगुर
मॉनसून आगमन के साथ सजती हुई धरती मानो कह रही हो ,अब तो अपनी ज़िद छोड़ो देखो ग्रीष्मऋतु के पेड़ो ने भी अपने गिराए हुए पत्तों को फिर से पा लिया , अपने पत्ते रूपी पर खोलकर वह् भी आकाश मे उड़ जाना चाहते है।उस गुलाब कि खिली हुई पंखुड़ियाँ को तो देखो कैसे खिल खिलाकर हंसती हुई अपने सभी रंगों से अपने होने का अहसास करा रही हैं। हरी- हरी घास के बीचोंबीच पंक्तियॉ में खिले हुए पीले सफ़ेद लिली मैदान कि शोभा बढ़ाने को आतुर लगते है। जाने वाले गर्मी के साथ आम के पेड़ों से वर्षा कि बूंदो के साथ चलने वाले आन्धियो के संग लगातर पके हुए आम गिरते है। अनार बेर और कदम के पेड़ों में कलियां लगती हैं जो वर्षा ऋतु के अंत में फल बनने को आतुर रहेंगी।
जिन पेड़ो ने बसंत ऋतू में अपनी कलियाँ खिलाई थी,वर्षा ऋतू मे उनके फल अन्धियो के थपेड़ो के साथ झूम झूम कर गिर जाते है।अब वर्षा ऋतू मे कुछ नई कलियाँ खिलेंगी कुछ नए फूलो से कुछ वृक्ष लद्द् जायँगे,कुछ नए नियमो को अपना लेंगे,कुछ पुराने नियमो का त्याग करके आगे बढ़ जायँगे ,आने वाली शीत ऋतू में फिर कुछ नया रंग पृथ्वी का होगा ,वो प्रतिपल् बदलेंगी ,प्रतिपल् विश्राम लेगी फिर आगे बढ़ेगी ,यही परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है,यही सत्य है जो आया है उसे एक दिन जाना होता है जब प्रकृति अपने नए नए रूप बना सकती है ।
जब वह ऐसा कर सकती है तो हम इंसान क्यों नहीं कर सकते जबकि हम उस की ही संताने हैं उसने हमें जनम दिया अंत में हम उस में ही मिल जाएंगे बाकी रहेगी तो सिर्फ वह ब्रह्म तत्व जो हमें ईश्वर ने दिया है जो चैतन्य मन को चलाता है। जिससे जीवात्मा अपने संपूर्ण जीवन का अपने कर्मों का वहन करती है लगातार बदलते आज आकाश के नीले पीले गुलाबी लाल और सतरंगी रंग के यह दृश्य ,हमें खुद से जोड़ते हैं ।
जिस प्रकार आम के पेड़ों की कलियां जीवन पर्यंत कलियां बनकर नहीं रह सकती, जिस प्रकार मैदानों की घास हमेशा हरि नहीं रह सकती, जिस प्रकार वर्षा ऋतु सदैव धरती को स्नान कराते हुए नहीं रह सकती ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में आए हुए सभी प्रकार की आशाएं एवं निराशा जीवन पर्यंत एक जैसी नहीं रह सकती इन्हें बदलना होगा क्योंकि प्रकृति अपनी संतानों के साथ भेदभाव नहीं कर सकती जो नियम स्वयं उसके लिए बने हुए हैं वह हमारे लिए भी हैं परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है और यह नियम हमारे जीवन में भली-भांति लागू होता है।
👍
ReplyDeleteTnku bhiya
DeleteAWsme
ReplyDeleteTnkx aap sbhi ka sath bhot mayne rkhta hai...isi trh pyar Or apna support dete rhen
DeleteIt was really awesome ....keep up 🥰😊
ReplyDeleteThis article gives a good massage,, nature and spirituality bounded both..
ReplyDeleteNyc🥰
ReplyDeletegreat words...
ReplyDeleteउत्कृष्ट रचना
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